सोमवार, 14 जून 2021

राठी नस्ल की गाय (RATHI COW)


राठी नस्ल की गाय (RATHI COW)

राठी नस्ल की गाय
राठी गाय 

● राठी राजस्थान के पश्चिमी भागों में मिलने वाली यह एक प्रमुख दूध देने वाली गौ प्रजाति है। इसका पालन मुख्यतः वहीं की एक जनजाति राठ करती रही है इसलिये इसका नाम राठी पड़ा। इस जनजाति में हिन्दू एवं मुस्लिम दोनों सम्प्रदाय हैं और ये विचरणशील होते हैं। इसका उत्पत्ति स्थल थार रेगिस्तान के मध्य स्थित बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर क्षेत्र में है। 
● यह एक सममित आकृतिवाली मध्यम आकार की प्रजाति है। त्वचा भूरे रंग की होती है जिस पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं। ये छोटे-छोटे धब्बे मिलकर बड़ा टुकड़ा बना लेते हैं। 
● इनके शरीर के नीचे की त्वचा का रंग हल्का होता है। ललाट चौड़ा एवं तश्तरी नुमा होता है। थूथन एवं खुरों का रंग काला होता है। आँखों की पलकें भूरे या काले रंग की होती है। सींग छोटे व मध्यम आकार के होते हैं, जोकि बाहर की ओर को वक्राकार, ऊपर को उठे हुये एवं सिरों पर अन्दर की ओर प्रक्षेपित रहते हैं। 
● कान मध्यम आकार के, गले की झालर बड़ी एवं भारी तथा नाभि स्थल बड़ा होता है। कूबड़ का आकार नर पशुओं में बड़ा एवं शरीर का आकार पेन्डुलम की भांति होता है। 
● पूंछ लम्बी, ऐंठी हुई एवं सिरे पर काले रंग की तथा खुरों के संधि स्थल तक लटकी होती है। बाँक एवं दुग्ध नली स्पष्ट रूप से विकसित होती है। 
● गायें सुन्दर, आकर्षक तथा अच्छा दूध देने वाली होती है। प्रति ब्यांत इनका दुग्ध उत्पादन लगभग १५०० किग्रा तक रहता है। इसकी उच्चतम उत्पादन क्षमता लगभग २८०० किग्रा तक रहती है। इसका दुग्ध अन्तराल ३०० से ४३० दिनों तक का होता है।

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