• कठपुतली चित्र

    राजस्थानी कठपुतली नृत्य कला प्रदर्शन

शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

(Post Stamps on 6th Historical Places 'Bavadi' of Rajasthan) राजस्थान की 6 ऎतिहासिक बावड़ियों पर डाक टिकटजारी

Post Stamps on 6th Historical Places 'Bavadi' of Rajasthan राजस्थान की 6 ऎतिहासिक बावड़ियों पर डाक टिकटजारी 

राजस्थान की 6 ऎतिहासिक बावड़ियों पर डाक टिकटजारी 

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिंन्हा ने 29 दिसंबर 2017 को नई दिल्ली के कोंस्टीटूशन क्लब में आयोजित एक समारोह में राजस्थान की छह ऎतिहासिक बावड़ियों सहित देश की 16 प्राचीन बावड़ियों पर डाक टिकिट जारी किए। इन बावड़ियों में नई दिल्ली की मशहूर अग्रसेन की बावड़ी पर भी प्रमुखता से डाक टिकिट जारी किया गया।

Post Stamps on 6th Historical Places 'Bavadi' of Rajasthan
राजस्थान की 6 ऎतिहासिक बावड़ियों पर डाक टिकट जारी 


राजस्थान की बावड़ियों में निम्न शामिल हैं।

1. आभानेरी की प्रसिद्ध चांद बावड़ी
2. बूंदी की रानीजी की बावड़ी
3. बूंदी की नागर सागर कुंड
4. अलवर जिले की नीमराना बावड़ी
5. जोधपुर का तूर जी का झालरा
6. जयपुर की पन्ना मियाँ की बावड़ी

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शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

Rajasthan G.K. Question Answer

Rajasthan G.K. Question Answer

Rajasthan G.K. Question Answer


Question 1. देश की एकमात्र टंगस्टन की खान

राज्य में कहाँ स्थित है ?
Answer:- डेगाना नागौर
Question 2. राजस्थान का सबसे अधिक
फेल्सपार किस जिले से प्राप्त किया जाता
है ?
Answer:- अजमेर
Question 3. मांडो की पाल (डूंगरपुर) किस
खनिज के लिए प्रसिद्ध है ?
Answer:- फलोराइट
Question 4. भारत की एकमात्र अन्तर्वाही
नदी हैं ?
Answer:- लूनी नदी
Question 5. हिमालय पर्वत की नदियों की
विशेषता है –
Answer:- वर्ष भर बहती है
Question 6. दक्षिणी राजस्थान की स्वर्ण
रेखा किसनदी को कहा जाता है ?
Answer:-माही
Question 7. घडियालों की शरण स्थली किसे
कहा जाता है ?
Answer:- चम्बल को
Question 8. झामर कोटडा क्षेत्र किस जिले में
स्थित है ?
Answer:- उदयपुर
Question 9. राजस्थान का सबसे बड़ा जिप्सम
का जमाव कहाँ मिलता है?
Answer:- जामसर (बीकानेर)
Question 10. राजस्थान में हीरे के भंडारों की
खोज कहाँ हुई ?
Answer:- केसरपुरा [चित्तोडगढ]
Question 11. राजस्थान में बेन्टोनाइट के भंडार
कहाँ स्थित है ?
Answer:- झालावाड
Question 12. राजस्थान में अरावली उत्तर पूर्व में
किस जिलेमें प्रवेश करती है
Answer:- झुंझुनू
Question 13. राजस्थान का आर्द्रतम जिला
कोनसा है
Answer:- झालावाड
Question 14. मारवाड का प्रताप किसे माना
जाता हैं-
Answer:- चन्द्रसेन
Question 15.राजस्थान का सबसे शुष्क स्थान
कोनसा है?
Answer:- फलोदी
Question 16. राजस्थान में डूंगरपुर और
बांसवाडा को पृथक करने वाली नदी है?
Answer:- माही नदी
Question 17 राजस्थान में बांध बरेठा बांध कहाँ
स्थित है?
Answer:- भरतपुर
Question 18. चूलिया प्राप्त किसनदी पर
स्थित है?
Answer:- चम्बल
Question 19. राजस्थान में खारे पानी की
झीले में सागर के अवशेष
Answer:- टेथिस सागर
Question 20. पश्चिमी रेगिस्तान की सबसे
लम्बी नदी
Answer:- बनास नदी
Question 21. अरावली की सबसे ऊँची छोटी
Answer:- गुरुसिखर
Question 22. लूनी नदी का उदगम स्थल कहाँ है?
Answer:- आना सागर
Question 23. राजस्थान में किस जिले में सबसे
ज्यादा वन पाए जाते है?
Answer:- उदयपुर
Question24. रेगिस्तान वनरोपण और भू संरक्षण
केंद्र कहाँ स्थित है?
Answer:- जोधपुर
Question 25. खनन क्षेत्र में होने वाली आय की
दृष्टि से राजस्थानका देश में कोनसा स्थान
है ?
Answer:- आठवां
Question 26. सबसे अधिक नदियाँ किस संभाग
में पाई जाती है ?
Answer:- कोटा
Question 27. मांडलगढ़ के पास कौनसी तीन
नदियाँ त्रिवणी संगम बनाती है ?(RPSC II Gr.
10)
Answer:- बनास, बेडच, और मेनाल नदियाँ
Question 28. बीसलपुर बांध किस नदी पर स्थित
है (RPSC II Gr. 10)
Answer:- बनास नदी पर
Question 29. कर्क रेखा को दो बार पार करने
वाली नदी कोनसी है ?
Answer:- माही
Question 30. राजस्थान में मेगनीज हतु का सबसे
बड़ा उत्पादक जिला कोनसा है ?
Answer:- बांसवाडा
Question 31. गैव सागर स्थित है?
Answer:-डूंगरपुर
Question 32. पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली
सबसेलम्बी नदी कोनसी है?
Answer:-बनास
Question 33. राजस्थान की बारहमासी
नदियाँ कोनसी है ?
Answer:- चम्बल और माही
Question 34. बनास नदी का उदगम स्थल है ?
Answer:- खमनोर (राजसमन्द)
Question 35. सोनू (जैसलमेर) किस खनिज के लिए
प्रसिद्ध है ?
Answer:- चूना पत्थर
Question 36. किस क्षेत्र में पीला इमारती
पत्थर मिलते है ?
Answer :- जैसलमेर
Question 37. सर्वाधिक विक्रय मूल्य अर्जित
करने वाला राजस्थान का खनिज कोनसा है ?
Answer:- संगमरमर
Question 38. राजस्थान में सीसे की सबसे बड़ी
खान कहाँ स्थित है ?
Answer:- जावर
Question 39. राजस्थान में काला पत्थर
बहुतायत में कहाँ पाया जाता है ?
Answer:- सिरोही
Question 40 देश का कितना प्रतिशत एस्बेस्टस
राजस्थान की खानों से प्राप्त होता है?
Answer:- 98%
Question 41. गार्नेट सर्वाधिक कहाँ पाया
जाता है ?
Answer:- टोंक में
Question 42. ओप्रेसन फ्लड की शुरुआत कब की
गयी ?
Answer:- 1970 में
Question 43. मरुस्थल विकास कार्यक्रम कब शुरू
किया गया ?
Answer:- 1977-78
Question 44. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार
योजना में कितनी योजनाओं का समावेश कर
दिया गया है ?
Answer:- 6
Question 45. मननरेगा की शुरुआत कब हुई ?
Answer:- 2006 में
Question 46. मध्यान्ह भोजन योजना की
शुरुआत कबहुई ?
Answer:- 1997 -98
Question 47. डांग प्रादेशिक विकास बोर्ड
का कार्यक्षेत्र कोनसा है ?
Answer:- कोटा और भरतपुर संभाग
Question 48. किस योजना के द्वारा लघु और
सीमांत कसानो को सिंचाई कार्य में
सहायता दी जाती है ?
Answer:- जीवनधारा योजना
Question 49. गरीबी रेखा के निर्धारण हेतु
ग्रामीण क्षेत्र में कितने केलोरी प्रति व्यक्ति
प्रतिदिन को मानक मन गया है ?
Answer:- 2400 केलोरी
Question 50. गरीबी रेखा के निर्धारण हेतु
शहरी क्षेत्र में कितने केलोरी प्रति व्यक्ति
प्रतिदिन को मानक मन गया है ?
Answer:- 2100 केलोरी
Question 51. डी.टी. लकडावाला ने किस
फ़ॉर्मूले का निर्माण किया ?
Answer:- निर्धनता मापनका फार्मूला
Question 52. राजस्थान का क्षेत्रफल कितना
है ?
Answer:- 3,42,239 वर्ग किमी (1,32,139 वर्ग
मील)
Question 53. राजस्थान की भौगोलिक
स्थिति ?
Answer:- 23°30 एवं 30°12 उत्तरी अक्षांस 69°30
एवं 78°17 पूर्वी देशान्तर के मध्य
Question 54. राजस्थान की लम्बाई कितनी
है ?
Answer:- पूर्व से पश्चिम 869 किमी एवं उत्तर से
दक्षिण 826 किमी
Question 55. राजस्थान का क्षेत्रफल भारत के
क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत है ? (RPSC 2nd
Gr. 2010, 11, B.ed 05)
Answer:- 10 .41 % (प्रथम स्थान)
Question 56. राज्य की कुल स्थलीय सीमा की
लम्बाई है-
Answer:- 5920 किमी
Question 57. राजस्थान का पाकिस्तान से
लगाती सर्वाधिक लम्बी सीमा वाला
जिला कोनसा है ?
Answer:- जैसलमेर (471 Kms)
Question 58. राजस्थान की सीमा किस
राज्य से सर्वाधिक लम्बाई में लगती है ? (RPSC
2010)
Answer:- मध्यप्रदेश
Question 59. राजस्थान की सीमा सबसे कम
किस राज्य से लगती है ?
Answer:- पंजाब
Question 60. राजस्थान का वह जिला
जिसकी सीमा सर्वाधिक जिलों से लगती है ?
Answer:- पाली (8 जिलो से)
Question 61. राजस्थान की सीमा से लगे
पडौसी राज्य?
Answer:- इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-
पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश,
उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और
हरियाणा है।
Question 62. राजस्थान के किस जिले में सूर्य
किरणों का तिरछापन सर्वाधिक होता है
Answer:- श्रीगंगानगर
Question 63. राजस्थान का क्षेत्रफल इजरायल
से कितना गुना है ?
Answer:- 17 गुना बङा है
Question 64. राजस्थान की 1070 किमी लम्बी
पाकिस्तान से लगी सीमा रेखा का नाम
Answer:- रेडक्लिफ रेखा
Question 65. राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय
सीमा से लगने वाले जिले कौन-कौन से है?
(RPSC 07)
Answer:- 4 जिले (बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर एवं
श्रीगंगानगर)
Question 66. कर्क रेखा राजस्थान के किस जिले
से छूती हुई गुजरती है
Answer:- डूंगरपुर व बॉसवाङा से होकर
Question 67. राजस्थान में सर्वप्रथम सूर्योदय
किस जिले में होता है
Answer:- धौलपुर
Question 68. कौनसी पर्वत श्रृंखला प्राकृतिक
दृष्टि से राज्य को दो भागों में विभाजित
करती है।
Answer:- अरावली पर्वत श्रृंखला (सिरोही से
अलवर की ओर जाती हुई 470 कि.मी. लम्बी)
Question 69. अरावली पर्वत श्रंखला की
राजस्थान में कुल लम्बाई कितनी है ?
Answer:- 550 किलोमीटर
Question 70. अरावली पर्वत श्रंखला का
सर्वोच्च पर्वत शिखर है ?
Answer:- गुरुशिखर (1727 मी.) माउंट आबू
(सिरोही )
Question 71. राजस्थान में संभागो और जिलो
की संख्या ?
Answer:- 7 संभाग और 33 जिले
Question 72. राजस्थान में छप्पनिया अकाल
किस वर्ष पङा ?
Answer:- 1956 वि. स.
Question 73. राजस्थान में मानसून वर्षा किस
दिशा मे बढती है ?
Answer:- दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व
Question 74. राजस्थान में सर्दियो में वर्षा
मुख्यत: होती है ?
Answer:- उत्तर पश्चिमी हवाओ से
Question 75. राजस्थान का सबसे अधिक वर्षा
वाला स्थान कोनसा है ?
Answer:- माउन्ट आबू
Question 76. राजस्थान का सबसे अधिक वर्षा
वाला जिला कोनसा है ?
Answer:- झालावाड
Question 77. राजस्थान का सबसे कम वर्षा
वाला जिलाकोनसा है ?
Answer:- जैसलमेर
Question 78. जून माह में सूर्य किस जिले में लम्बत
चमकता है
Answer:- बॉसवाङा
Question 79. राजस्थान में पूर्ण मरूस्थल वाले
जिलें हैं
Answer:- जैसलमेर, बाडमेर
Question 80. उङिया पठार किस जिले में स्थित
है
Answer:- सिरोही
Question 81. गोगुन्दा और कुम्भलगढ़ के मध्य का
भाग कहलाता है?(rpsc 2010)
Answer:- भोराठ का पठार
Question 82. राजस्थान के पूर्णतया वनस्पति
रहित क्षेत्र
Answer:- समगॉव (जैसलमेर)
Question 83. रेगिस्तान में रेत के विशाल
लहरदार टीले को क्या कहते है
Answer:- धोरे
Question 84. अरावली श्रेणी की दूसरी
अधिकतम ऊँचाई की चोटी कौन सी है?
Answer:- सेर
Question 85. राजस्थान का सबसे अधिक आर्द्र
जिला कोनसा है ?
Answer:- झालावाड
Question 86. राजस्थान का सबसे अधिक आर्द्र
स्थान कोनसा है ?
Answer:- माउन्ट आबू (सिरोही)
Question 87. राजस्थान का सर्वाधिक शुष्क
स्थान कोनसा है ?
Answer:- फलोदी (जोधपुर)
Question 88. राजस्थान का सबसे गरम स्थान
कोनसा है?
Answer:- चूरू
Question 89. राजस्थान का सर्वाधिक ठंडा
स्थान कोनसा है ?
Answer:- माउन्ट आबू
Question 90. राजस्थान का सर्वाधिक लू और
आंधी वाला जिला कोनसा है ?
Answer:- श्रीगंगानगर
Question 91. राजस्थान का सर्वाधिक बंजर और
व्यर्थ भूमि वाला जिला कोनसा है ?
Answer:- जैसलमेर
Question 92. राजस्थान में मिटटी का
सर्वाधिक अवनालिका अपरदन करने वाली
नदी कोनसी है ?
Answer:- चम्बल
Question 93. मीठे पानी की एशियाकी सबसे
बड़ी झील कोनसी है ?
Answer:- जयसमंद
Question 94. लूनी नदी का जल किस स्थान के
बाद खारा होता है ?(RPSC III Gr.)
Answer:- बालोतरा (बाडमेर)
Question 95. भारत की दूसरी सबसेबड़ी खारे
पानी की झील कोनसी है ?
Answer:- सांभर
Question 96. राजस्थान की सबसे सबसे ऊंची
झील कोनसी है ?
Answer:- नक्की झील
Question 97. राजस्थान की मरूगंगा और जीवन
रेखा किसे कहा जाताहै ?
Answer:- इंदिरा गाँधी नहर
Question 99. बाणगंगा राजस्थान के किन तीन
जिलों में बहती है ?
Answer:- जयपुर, दौसा एवंभरतपुर
Question 100. माही-बजाज सागर परियोजना
का फैलाव किस क्षेत्र में है?
Answer:- राजस्थान तथा मध्य प्रदेश

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Literature of Rajasthan राजस्थान के साहित्य

Literature of Rajasthan राजस्थान के साहित्य 

राजस्थान के साहित्य 

Literature of Rajasthan


हमीर महाकाव्य: नयनचंद्र सूरी द्वारा रचित इस महाकाव्य में रणथंभौर के चैहान शासकों विशेषकर राव हमीर देव चैहान की वीरता एवं उसका अलाउद्धीन खिलजी के साथ हुए युद्ध का वर्णन है।
राजवल्लभ: महाराणा कुंभा के शिल्पी मंडन द्वारा रचित इस ग्रंथ में तात्कालिन समय की वास्तुकला व शिल्पकला का पता चलता है।

एकलिंग महात्म्य: मेवाड़ के सिसोदिया वंश की वंशावलि बताने वाले इस ग्रंथ का रचयिता मेवाड़ महाराणा कुंभा का दरबारी ‘कान्हा व्यास’ माना जाता है।

पृथ्वीराज विजय: 12 वीं सदी में जयानक द्वारा रचित इस ऐतिहासिक ग्रंथ में प्रमुख रूप से अजमेर के शासक पृथ्वीराज चौहान तृतीय के गुणों व पराक्रम का वर्णन है।
सुर्जन चरित्र: कवि चंद्रशेखर द्वारा रचित इस ग्रंथ मं बूदी रियासत के शासक राव सुर्जन हाड़ा के चरित्र का वर्णन किया गया है।
भट्टि काव्य: भट्टिकाव्य नामक इस ग्रंथ में 15वीं सदी के जैसलमेर राजा के सामाजिक व राजनीतिक जीवन का वर्णन है।
राजविनोद: भट्ट सदाशिव द्वारा बीकानेर के राव कल्याणमल के समय रचित इस ग्रंथ में 16वीं शताब्दी के बीकानेर राज्य के सामाजिक, राजनीति व आर्थिक जीवन का वर्णन मिलता है।
कर्मचंद वंशोत्कीतर्न काव्यम: जयसोम द्वारा रचित इस ग्रंथ में बीकानेर रियासत के शासकों का वर्णन है।
अमरकाव्य वंशावली: रणछोड़दास भट्ट द्वारा रचित इस ग्रंथ में मेवाड़ सिसोदिया शासकों की उपलब्धियों का वर्णन मिलता है।
कान्हड़दे प्रबंध: इस ग्रंथ के रचयिता जालौर रियासत के शासक अखैराज सोनगरा के दरबारी कवि पदमनाभ है। इसमें जालौर के वीर सोनगरा चैहान शासक कान्हड़देवे व अलाउद्धीन खिलती के मध्य हुए युद्ध का वर्णन
है।
हम्मीरायण: कवि पद्मनाभ द्वारा रचित इस ग्रंथ में जालोर रियासत के शासकों का वर्णन किया गया है।
पृथ्वीराज रासौ: पिंगल में रचित इस महाकाव्य के रचयिता चंदबरदाई है। इसमें अजमेर के अंतिम चैहान शासक पृथ्वीराज तृतीय के जीवन चरित्र एवं युद्धों का वर्णन है। यह शौर्य- श्रृंगार, युद्ध प्रेम व जय-विजय का अनूठा चरित्र
काव्य है।
खुमाण रासौ: दलपति विजय द्वारा रचित पिंगल भाषा के इस ग्रंथ में मेवाड़ के बप्पा रावल से लेकर महाराणा राजसिंह तक के मेवाड़ शासकों का वर्णन है। विरूद छतहरी व किरतार बावनी: अकबर के दरबारी कवि दुरसा आढा द्वारा रचित विरूद छतहरी में महाराणा प्रताप की शौर्य गाथाहै।
 बीकानेर रा राठौड़ा री ख्यात (दयालदास री ख्यात): बीकानेर रियासत के शासक रतनसिंह के दरबारी कवित दयालदास द्वारा रचित दो खंडों के इस ग्रंथ में जोधपुर व बीकानेर के राठौड़ शासकों के प्रारंभ से लेकर बीकानेर
महाराजा सरदारसिंह तक की घटनाओं का वर्णन है।
सगत रासौ: गिरधर आसिया द्वारा रचित इस डिंगल ग्रंथ में महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्तिसिंह का वर्णन है। यह डिंगल भाषा में लिखा गया प्रमुख रासौ ग्रंथ है।
हमीर रासौ: जोधराज द्वारा रचित इस ग्रंथ में रणथंभौर के चैहान शासक राव हमीरदेव चैहान की वंशावली, अलाउद्धीन खिलती से हुए युद्ध व हमीर की वीरता का विस्तृत विवरण दिया गया है।
बांकीदास री ख्यात: जोधपुर महाराज मानसिंह के काव्य गुरू बांकीदास द्वारा रचित यह ख्यात राजस्थान का इतिहास जानने का प्रमुख स्रोत है। इनकी एक अन्य रचना बांकीदास की बांता मंे राजपूत वंशों से संबंधित लगभग 2000 लघु कथाओं का संग्रह है।
वीर विनोद: मेवाड़ महाराणा सज्जनसिंह (शंभूसिंह) के दरबारी कविराज श्यामलदास ने अपने इस विशाल ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना महाराणा सज्जनसिंह के आदेश पर प्रारंभ की। चार खंडों में रचित इस ग्रंथ पर कविराज श्यामलदास का ब्रिटिश सरकार द्वारा केसर-ए-हिंद की उपाधि प्रदान की गई। इस ग्रंथ में मेवाड़ के विस्तृत इतिहास सहित अन्य संबंधित रियासतों का भी वर्णन है। मेवाड़ महाराणा सज्जनसिंह ने श्यामलदास को
कविराज व महामहोपाध्याय की उपाधि से विभूषित किया था।
बातां री फुलवारी: आधुनिक काल के प्रसिद्ध राजस्थानी कथा साहित्यकार विजयदान देथा द्वारा रचित इस रचना में राजस्थानी लोक कलाओं का संग्रह किया गया।
मुहणौत नैणसी री ख्यात: राजस्थान के अबुल फजल के नाम से प्रसिद्ध एवं जोधपुर महाराज जसवंतसिंह प्रथम के प्रसिद्ध दरबारी (दीवान) मुहणौत नैणसी द्वारा रचित इस ग्रंथ मंे राजस्थान के विभिन्न राज्यों के इतिहास
(विशेषतः मारवाड़) एवं 17 वीं शताब्दी के राजपूत मुगल संबंधों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। इसे जोधपुर का गजेटियर कहा जाता है।
मारवाड़ रा परगना री विगत: मुहणौत नैणसी द्वारा रचित इस ग्रंथ में मारवाड़ रियासत के इतिहास पर पर्याप्त प्रकाश डाला गया है। मारवाड़ रा परगना री विगत को राजस्थान का गजेटियर कहा जाता है।
पदमावत महाकाव्य: मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा सन 1540 ई के लगभग रचित इस महाकाव्य में अलाउद्धीन खिलजी एवं मेवाड़ शासक रावल रतनसिंह के मध्य 1301 ई में हुए युद्ध का वर्णन है।
ढोला मारू रा दूहा: कवि कल्लोल द्वारा रचित डिंगल भाषा के श्रृंगार रस से परिपूर्ण इस ग्रंथ में गागरोन के शासक ढोला व मारवण के प्रेम प्रसंग का वर्णन है।
सूरस प्रकास: जोधपुर महाराजा अभयसिंह के दरबारी कवि करणीदान कविया द्वारा रचित इस ग्रंथ में जोधपुर के राठौड़ वंश के प्रारंभ से लेकर महाराजा अभयसिंह के समय तक की घटनाओं का वर्णन है।
विजयपाल रासौ: विजयगढ (करौली) के यदुवंशी नरेश विजयपाल के आश्रित कवि नल्लसिंह भट्ट द्वारा रचित पिंगल भाषा के इस वीर रसात्मक ग्रंथ में विजयगढ (करौली) के शासक विजयपाल यादव की दिग्विजयों का वर्णन है।
नागर समुच्चय: यह ग्रंथ किशनगढ के शासक सांवतसिंह उर्फ नागरीदास की विभिन्न राधा-कृष्ण प्रेम विषयक रचनाओं का संग्रह है।
वेलि क्रिसन रूकमणी री: मुगल सम्राट अकबर के दरबारी नवरत्नों में से एक एवं बीकानेर महाराजा रायसिंह के छोटे भाई पृथ्वीराज राठौड़ द्वारा रचित डिंगल भाषा के इस सुप्रसिद्ध ग्रंथ में श्रीकृष्ण एवं रूकमणि के विवाह की कथा का वर्णन किया गया है। दुरसा आढा ने इस ग्रंथ को 5वां वेद एवं 19वां पुराण कहा है। यह राजस्थान में श्रृंगार रस की सर्वश्रेष्ठ रचना है। पीथल के नाम से साहित्य रचना करने वाले पृथ्वीराज राठौड़ को डाॅ. टेस्सिटोरी ने डिंगल का हैरोस कहा है। बिहारी सतसई: जयपुर महाराज मिर्जा राजा जयसिंह के प्रसिद्ध दरबारी महाकवि बिहारीदास द्वारा ब्रजभाषा में रचित यह प्रसिद्ध ग्रंथ श्रृंगार रस की उत्कृष्ट रचना है।
ढोला मारवणी री चैपाई (चड़पही): इस ग्रंथ की रचना कवि हरराज द्वारा जैसलमेर के यादवी वंशी शासकों के मनोरंजन के लिए की गई।
कुवलयमाला: 8वीं शताब्दी के इस प्राकृत ग्रंथ की रचना उद्योतन सूरी ने की थी।
ब्रजनिधि ग्रंथावलि: जयपुर महाराजा प्रतापसिंह कच्छवाह द्वारा रचित काव्य ग्रंथों का संकलन। ये ब्रजनिधि के नाम से संगीत काव्य रचना करते थे।
हमीर हठ: बूंदी के हाड़ा शासक राव सुर्जन के आश्रित कवि चंद्रशेखर द्वारा रचित है।
राजपूताने का इतिहास व प्राचीन लिपिमाला: इनके रचयिता राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहासकार पंडित गौरीशंकर हीराशंकर ओझा है। जिन्होने हिंदी में सर्वप्रथम भारतीय लिपि का शास्त्र लेखन कर अपना नाम गिनिज बुक में दर्ज करवाया। इन्होने राजस्थान के देशी राज्यों का इतिहास भी लिखा। इनका जन्म सिरोही जिले के रोहिड़ा नामक कस्बे में हुआ।
सिरोही राज्य का इतिहास: पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा द्वारा रचित
तारीख-उल-हिंद: अलबरूनी द्वारा लिखित इस ग्रंथ से 1000 ई.के आसपास की राजस्थान की सामाजिक व आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
तारीख-ए-अलाई (ख्जाइन उल फुतूह): अमीर खुसरों द्वारा रचित इस ग्रंथ में अलाउद्धीन खिलजी एवं मेवाड़ के राणा रतनसिंह के मध्य सन 1303 में हुए युद्ध व रानी पद्मिनी के जौहर का वर्णन मिलता है।
तारीख-ए-फिरोजशाही: जियाउद्धीन बरनी द्वारा लिखित इस ग्रंथ से रणथंभौर पर हुए मुस्लिम आक्रमणों की जानकारी मिलती है।
तारीख-ए-शेरशाही: अब्बास खां सरवानी द्वारा लिखित इस ग्रंथ में शेरशाह सूरी एवं मारवाड़ के शासक राव मालदेव के मध्य सन 1544 ई में हुए गिरी सुमेल के युद्ध का वर्णन किया गया है। सरवानी इस युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी
था।
राठौड़ रतनसिंह महेस दासोत री वचनिका: जग्गा खिडि़या द्वारा रचित डिंगल भाषा के इस ग्रंथ से जोधपुर शासक जसवंतसिंह के नेतृत्व में मुगल सेना एवं मुगल सम्राट शाहजहां के विद्रेाही पुत्र औरंगजेव व मुराद की संयुक्त सेना के बीच हुए धरमत (उज्जैन) के युद्ध में राठौड़ रतनसिंह के वीरतापुर्ण युद्ध एवं बलिदान का
वर्णन है।
अचलदास खींची री वचनिका: चारण कवि शिवदास गाडण द्वारा रचित इस डिंगल ग्रंथ से मांडू के सुल्तान हौशंगशाह व गागरौन के शासन अचलदास खींची के मध्य हुए युद्ध (1423ई.) तथा गागरोन के खींची शासको के बारे में संक्षिप्त जानकारी मिलती है।
बीसलदेव रासो: नरपति नाल्ह द्वारा रचित इस रासौ ग्रंथ से अजमेर के चैहान शासक बीसलदेव उर्फ विग्रहराज चतुर्थ एवं उनकी रानी (मालवा के राजा भोज की पुत्र) राजमति की प्रेमगाथा का वर्णन मिलता है।
राव जैतसी रो छंद: बीठू सूजा द्वारा रचित डिंगल भाषा के इस ग्रंथ से बीकानेर पर बाबर के पुत्र कामरान द्वारा किए गए आक्रमण एवं बीकानेर के शासक राव जैतसी (जेत्रसिंह) द्वारा उसे हराये जाने का महत्वपूर्ण वर्णन
मिलता हैं।
वंश भास्कर: बूंदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा 19 वीं शताब्दी में रचित इस पिंगल काव्य ग्रंथ में बूंदी राज्य का विस्तृत, ऐतिहासिक एवं उतरी भारत का इतिहास तथा राजस्थान में मराठा विरोधी भावना का उल्लेख किया गया है। वंश भास्करको पूर्ण करने का कार्य इनके दतक पुत्र मुरारीदान ने किया था।
वीरसतसई: बूंदी के शासक महाराव रामसिंह हाड़ा के प्रसिद्ध दरबारी कवि सूर्यमल मिश्रण द्वारा रचित इस ग्रंथ से बूंदी के हाड़ा शासकों के इतिहास, उनकी उपलब्धियों व अंग्रेज विरेाधी भावना की जानकारी मिलती है। सूर्यमल मिश्रण की अन्य रचनाएं – बलवंत विलास, छंद मयूख, उम्मेदसिंह चरित्र व बुद्धसिंह चरित्र है।
चेतावनी रा चूंगट्या: राजस्थान के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर केसरीसिंह बारहट ने इन दोहों के माध्यम से मेवाड़ा महाराणा फतेहसिंह को वर्ष 1903 के लाॅर्ड कर्जन के दिल्ली दरबार में जाने से रोका था।

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