शनिवार, 3 जुलाई 2021

भपंग-एक अनूठा तत लोक वाद्य यंत्र (Bhapang)


भपंग-एक अनूठा तत लोक वाद्य यंत्र (Bhapang)

● यह  डमरू आकार की लम्बी आल के तुम्बे का बना वाद्य होता है, जिसकी लम्बाई डेढ़ बालिश्त और चौड़ाई दस अंगुल होती है। चार बालिश्त लम्बी लकड़ी तीन अंगुल चौड़े तुम्बे में लगी रहती है। 

भपंग

● तुम्बे के नीचे का भाग खाल से मढ़ दिया जाता है और ऊपर का भाग खाली छोड़ दिया जाता है। 
● खाल के बीच में से तार निकालते हुए एक खूँटी से बाँध दिया जाता है। खूंटी को तानते व ढीला करते हुए इससे विभिन्न ध्वनियाँ निकाली जाती हैं।

भपंग एवं खूंटी 

● यह तत् वाद्य अलवर या मेवात क्षेत्र में बहुत प्रचलित है। जिसके एक सिरे पर चमड़ा मढ़ा होता है। 
●  वादक इस वाद्य के कांख में दबा कर डोर या तांत को खींच कर दूसरे साथ से उस पर लकड़ी के टुकड़े से आघात करता है। 

भपंग पर मढ़ा खाल

●  जहुर खाँ इसके ख्याति प्राप्त वादक हैं।

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