रविवार, 12 अप्रैल 2015

"POMCHA" - A Famous odhani of rajasthan (पोमचा - राजस्थान की एक प्रसिद्ध ओढ़नी)-Rajasthan Gk


"पोमचा" - राजस्थान की एक प्रसिद्ध ओढ़नी

◆ राजस्थान में स्त्रियों की ओढ़नियों मे तीन प्रकार की रंगाई होती है- पोमचा, लहरिया और चूंदड़।

◆ पोमचा पद्म या कमल से संबद्ध है, अर्थात इसमें कमल के फूल बने होते हैं। यह एक प्रकार की ओढ़नी है।

◆ वस्तुतः पोमचा का अर्थ कमल के फूलके अभिप्राय से युक्त ओढ़नी है। यह मुख्यतः दो प्रकार से बनता है- 1. लाल गुलाबी 2. लाल पीला। 


◆ इसकी जमीन पीली या गुलाबी हो सकती है।इन दोनो ही प्रकारों के पोमचो में चारो ओर का किनारा लाल होता है तथा इसमें लाल रंग से ही गोल फूल बने होते हैं। 

Pomcha
POMCHA पोमचा राजस्थान की एक ओढनी
◆ यह बच्चे के जन्म के अवसर पर पीहर पक्ष की ओर से बच्चे की मां को दिया जाता है।

सूर्य पूजन के समय बच्चे का नए वस्त्रों के साथ नवप्रसूता को मायके से भेजा गया  लिए विशेष परिधान  " पीला " पहनना आवश्यक होता है, जो उनके चेहरे की पीतवर्ण आभा को और अधिक सुवर्णमय बनाता है

◆ पीले अथवा नारंगी रंग की पृष्ठभूमि के साथ लाल बॉर्डर इस परिधान की विशेषता है। इस पर भी आरी तारी की कढ़ाई के साथ बेल बूटे होते हैं।जगमग बेल बूटों की  कढ़ाई के साथ लाल और पीले रंग में रंग पीला साडी या ओढ़नी पहनकर जच्चा जब गोद में बच्चे को लेकर पूजन करती है तो उसके चेहरे पर वात्सल्य की आभा और अभिमान की छटा देखते ही बनती है ! इसके बाद अन्य पूजन अथवा शुभ कार्यों में माएं चुन्दडी के स्थान पर पीले का प्रयोग भी करती हैं।

◆ पुत्र का जन्म होने पर पीला पोमचा तथा पुत्री के जन्म पर लाल पोमचा देने का रिवाज है। 

◆ पोमचा राजस्थान में लोकगीतों का भी विषय है।पुत्र के जन्म के अवसर पर "पीला पोमचा" का उल्लेख गीतों में आता है। एक गीत के बोल इस तरह है-
" भाभी पाणीड़े गई रे तलाव में, भाभी सुवा तो पंखो बादळ झुकरया जी।
     देवरभींजें तो भींजण दो ओदेवर और रंगावे म्हारी मायड़ली जी।।"

अर्थात देवरकहता है कि भाभी तुम पानी लेने जा रही हो परंतु घटाएं घिर रही है, तुम्हारा पीला भीग जाएगा, रंगचूने लगेगा। तब भाभी कहती है कि कोई बात नहीं देवर मेरी मां फिर से रंगवा देगी।

◆ एक अन्य गीत में नवप्रसूता अपने पति से पिला रंगवाने को कहती है-
पिळो रंगावो जी
पाँच मोहर को साहिबा पिळो रंगावो जी
हाथ बतीसी गज बीसी गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी

दिल्ली सहर से साईबा पोत मंगावो जी
जैपर का रंगरेज बुलावो गाढा मारू जी
पिळो रंगावो जी
◆ एक अन्य गीत में नवप्रसूता पत्नी अपने पति से पीला रंगवाने का अनुरोध करती है।
" बाईसा रा वीरा, पीलो धण नै केसरी रंगा दो जी।"


Click here fore rajasthan gk 
Share:

2 टिप्‍पणियां:

कृपया अपना कमेंट एवं आवश्यक सुझाव यहाँ देवें।धन्यवाद

SEARCH MORE HERE

Labels

उद्योग एवं व्यापार (2) कम्प्यूटर ज्ञान (2) किसान आन्दोलन (1) जनकल्याणकारी योजनाए (9) परिवहन (2) परीक्षा मार्गदर्शन प्रश्नोत्तरी (10) पशुधन (5) प्रजामण्डल आन्दोलन (2) भारत का भूगोल (4) भारतीय संविधान (1) भाषा एवं बोलिया (2) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर (BSER) (1) मारवाड़ी रास्थानी गीत (14) मेरी कलम से (3) राजस्थान का एकीकरण (1) राजस्थान का भूगोल (4) राजस्थान की कला (3) राजस्थान की छतरियाॅ एवं स्मारक (1) राजस्थान की नदियाँ (1) राजस्थान की विरासत (4) राजस्थान के किले (8) राजस्थान के जनजाति आन्दोलन (1) राजस्थान के प्रमुख अनुसंधान केन्द्र (2) राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थल (14) राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय स्थल (4) राजस्थान के मेले एवं तीज त्योहार (7) राजस्थान के राजकीय प्रतीक (2) राजस्थान के रिति रिवाज एवं प्रथाए (1) राजस्थान के लोक देवी-देवता (5) राजस्थान के लोक नृत्य एवं लोक नाट्य (1) राजस्थान के लोक वाद्य यंत्र (5) राजस्थान के शूरवीर क्रान्तिकारी एवं महान व्यक्तित्व (6) राजस्थान विधानसभा (1) राजस्थान: एक सिंहावलोकन (4) राजस्थानी कविता एवं संगीत (6) राजस्थानी संगीत लिरिक्स (RAJASTHANI SONGS LYRICS) (17) वस्त्र परिधान एवं आभूषण (2) विकासकारी योजनाए (9) विज्ञान (1) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (2) वीणा राजस्थानी गीत (15) संत सम्प्रदाय (2) सामान्यज्ञान (2) साहित्य (3) CHITTAURGARH FORT RAJASTHAN (1) Competitive exam (1) Current Gk (1) Exam Syllabus (1) HISTORY (3) NPS (1) RAJASTHAN ALL DISTRICT TOUR (1) Rajasthan current gk (1) Rajasthan G.K. Question Answer (1) Rajasthan Gk (6) Rajasthan tourism (1) RSCIT प्रश्न बैंक (3) World geography (2)

PLEASE ENTER YOUR EMAIL FOR LATEST UPDATES

इस ब्लॉग की नई पोस्टें अपने ईमेल में प्राप्त करने हेतु अपना ईमेल पता नीचे भरें:

पता भरने के बाद आपके ईमेल मे प्राप्त लिंक से इसे वेरिफाई अवश्य करे।

ब्लॉग आर्काइव