श्री तेमड़े राय मन्दिर :
यह स्थान जैसलमेर शहर से करीब 25 की. मी. दक्षिण की तरफ़ बना हुवा हैं। इस स्थान को दूसरा हिंगलाज स्थान के नाम से जाना जाता हें । इस पर्वत पर तेमड़ा नामक विशालकाय हुण जाति का असुर रहता था | जिसको मातेश्वरी ने उक्त पर्वत की गुफा मे गाढ दिया था उसके ऊपर एक भयंकर पत्थर रख दिया था जो आज भी वहा मोजूद हें|
वर्तमान में हजारों भक्त पैदल व अपने साधनों से प्रति वर्ष मैया के आलोलिक रूप का दर्शन करते हें lचारण लोग इसे दूसरा हिंगलाजधाम भी मानते है। मंदिर के आस पास सैकड़ो पवन चक्कियां देखने योग्य है।
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