● बीकानेर से करीब करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित श्री कोलायतजी हिन्दू और सिक्खों की श्रद्धा और भक्ति का केन्द्र है।
●इस स्थान पर कपिल मुनि ने तपस्या की थी। महर्षि कपिल महर्षि कर्दम के पुत्र थे। उन्होंने अपनी माता देवहूति को लौकिकता व अलौकिकता, भक्ति योग, अष्टांग योग का उपदेश दिया तथा सांख्य दर्शन की संरचना की। कपिल मुनि को भगवान विष्णु का अवतार मानकर पूजा जाता है।
श्री कोलायत,बीकानेर |
● कहा जाता है कि उन्होंने श्रीकोलायत में पीपल के एक पेड़ के नीचे शरीर समर्पित किया था। यहां स्थित सरोवर के आसपास पीपल के काफी पेड़ है। सरोवर पर पुष्कर की तरह घाट बने हुए है। इस स्थान की मान्यता तीर्थ स्थल के रूप में है। सरोवर के पास ही महर्षि कपिल देव का निज मंदिर है। इसमें काले संगमरमर की गरूड़ व वशिष्ठजी की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित हैं।
श्री कोलायत तालाब ,बीकानेर |
● प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को यहां मेला आयोजित होता है। कोलायत शुष्क क्षेत्र में स्थित है।
● यहाँ 52 'घाटों वाली एक झील है जो चारों ओर बरगद के पेड़ से आच्छादित है। यहाँ कपिल मुनि को समर्पित एक मंदिर कपिल मुनि घाट पर स्थित है जिसमें इस महान संत की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है।
● इस मेले के दौरान शाम को सरोवर में दीपदान होता है। इसके अतिरिक्त कई खास मौकों पर भी यहां लोग डुबकी लगाने पहुंचते है। गुरुनानक जयंती पर्व होने के कारण इस दिन सिख भी बड़ी संख्या में यहां आते है।
● इस स्थान पर धार्मिक आयोजन के साथ साथ पशु मेले का भी संयोजन किया जाता है। इस पशु मेले में भैंस, ऊंट, घोड़े और मवेशी बेचे जाते हैं। मेले में श्रेष्ठ पशु प्रजानकों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार दिया जाता है।
● कोलायत बीकानेर शहर के दक्षिण-पश्चिम में 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ बीकानेर से कोलायत के लिए एक सीधा रेल मार्ग है। नियमित बसें बीकानेर से कोलायत के लिए चलती हैं।
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